..जय जगत, जय जगत, जय जगत पुकारे जा जय जगत, जय जगत, जय जगत पुकारे जा जय जगत , पुकारे जा , सिर अमन पे बारेजा ...... जय जगत.... प्रेम की पुकार हो , सब का सबसे प्यार हो जीत हो जहान की , क्यों किसी की हार हो ..... जय जगत.... न्याय का विधान हो, सबका हक समान हो सबकी अपनी हो जमीं , सबका आसमान हो .... जय जगत...... धर्मभेद छोड़ दो , जाति पाँति तोड़ दो मानवों की आपसी, अखंड प्रीत जोड़ दो .... जय जगत...... शांति की हवा चले , सब कहे बले बले दिन उगे स्नेह का रात रंज की डाले ...... जय जगत..... Copy text